महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट ने अपने गुरुकुलों में शिक्षा के पौराणिक और आधुनिक दोनों रूपों का समन्वय किया है। यहाँ विद्यार्थियों को वेद, उपनिषद, गीता, रामायण, महाभारत जैसी प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन कराया जाता है, साथ ही विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, कंप्यूटर और तकनीकी शिक्षा भी प्रदान की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि विद्यार्थी भारतीय संस्कृति और मूल्य प्रणाली से जुड़े रहें, लेकिन साथ ही उन्हें वर्तमान समय की मांगों के अनुसार तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाया जाए।
गुरुकुल में विद्यार्थियों को योग, ध्यान, संस्कृत, ज्योतिष, आयुर्वेद और अन्य प्राचीन विधाओं का भी ज्ञान दिया जाता है, जिससे उनकी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति हो सके। दूसरी ओर, आधुनिक विज्ञान, कंप्यूटर तकनीक, इंजीनियरिंग और अन्य आधुनिक विषयों के द्वारा उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में आगे बढ़ने के लिए तैयार किया जाता है। इस प्रकार, यह गुरुकुल प्रणाली एक समग्र और संतुलित शिक्षा प्रदान करती है, जो विद्यार्थियों को न केवल एक सफल करियर के लिए, बल्कि एक अच्छे इंसान बनने के लिए भी प्रेरित करती है।
महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट का उद्देश्य केवल विद्यार्थियों को शैक्षिक ज्ञान देना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज के प्रति जागरूक, जिम्मेदार और नैतिक रूप से सशक्त बनाना भी है। गुरुकुल प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थी न केवल प्राचीन विद्या और ज्ञान प्राप्त करते हैं, बल्कि आधुनिक विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भी निपुण बनते हैं। ट्रस्ट इस बात का उदाहरण है कि कैसे प्राचीन भारतीय परंपराओं और आधुनिक तकनीकी शिक्षा का समन्वय किया जा सकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ नैतिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनें और राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
ट्रस्ट द्वारा संचालित गुरुकुल एक आदर्श शिक्षण संस्थान हैं, जहाँ विद्यार्थियों को समग्र विकास के लिए प्रेरित किया जाता है। महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट भारतीय शिक्षा प्रणाली में गुरुकुल परंपरा की वापसी का प्रतीक है, जो आने वाले समय में समाज को नैतिक, शारीरिक और तकनीकी रूप से सशक्त नागरिक देने के लिए प्रयासरत है।
प्राचीन काल में गुरुकुल प्रणाली एक आदर्श शिक्षण व्यवस्था थी,
गुरुकुलों में शिक्षा के पौराणिक और आधुनिक दोनों रूपों का समन्वय किया है
समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान
ट्रस्ट द्वारा संचालित गौशाला में सैकड़ों गायों की सेवा की जाती है।
महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट का उद्देश्य केवल समाज में शिक्षा और गुरुकुल परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है, बल्कि गौसेवा एवं आवर्धन (गायों का संवर्धन और विकास) को भी प्राथमिकता देना है
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