महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देना है। गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाते हैं। उन्हें सिखाया जाता है कि समाज और देश के प्रति उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं और उन्हें कैसे एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए।
ट्रस्ट के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज सेवा, गरीबों की मदद, पर्यावरण संरक्षण और अन्य सामाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा, ट्रस्ट विभिन्न समाजसेवी गतिविधियों का आयोजन भी करता है, जैसे कि चिकित्सा शिविर, वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान आदि, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।
नैतिकता और अनुशासन पर विशेष बल
महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट द्वारा संचालित गुरुकुलों में नैतिकता और अनुशासन पर विशेष बल दिया जाता है। आज के समय में जहाँ शिक्षा सिर्फ रोजगार प्राप्त करने का माध्यम बनकर रह गई है, वहाँ गुरुकुल में विद्यार्थियों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा भी दी जाती है। उन्हें सिखाया जाता है कि समाज के प्रति उनका क्या कर्तव्य है और उन्हें कैसे एक जिम्मेदार नागरिक बनना चाहिए।
अनुशासन गुरुकुल प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। विद्यार्थी अनुशासन के साथ अपना जीवन जीना सीखते हैं, जिससे वे अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनते हैं। ट्रस्ट यह सुनिश्चित करता है कि विद्यार्थियों को एक ऐसा वातावरण मिले, जहाँ वे ध्यान, योग और प्राचीन विद्या के माध्यम से अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकें।
प्राचीन काल में गुरुकुल प्रणाली एक आदर्श शिक्षण व्यवस्था थी,
गुरुकुलों में शिक्षा के पौराणिक और आधुनिक दोनों रूपों का समन्वय किया है
समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान
ट्रस्ट द्वारा संचालित गौशाला में सैकड़ों गायों की सेवा की जाती है।
महाराजा अग्रसेन नवभारत निर्माण ट्रस्ट का उद्देश्य केवल समाज में शिक्षा और गुरुकुल परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है, बल्कि गौसेवा एवं आवर्धन (गायों का संवर्धन और विकास) को भी प्राथमिकता देना है
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